तस्करी कर 645 कछुओं ले जाते हुए जप्त किया ,,
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तस्करी कर 645 कछुओं ले जाते हुए जप्त किया ,,

तस्करी कर 645 कछुओं ले जाते  हुए जप्त किया

तस्करी कर 645 कछुओं ले जाते हुए जप्त किया ,,

( अर्थ प्रकाश/ बोम्मा रेडड्डी )


अमरावती :: (आंध्र प्रदेश)
मोथुगुडेम (अल्लूरी एस,आर,एम जिला) : वन विभाग के कर्मियों ने शुक्रवार को 645 ( टॉरटॉयज ) कछुओं को लेस पैकेट के रूप में बोरा और खंड्डो के अंदर बैग मैं छुपा कर तस्करी किए जा रहा था उक्त कछुओं को जब्त कर लिया गया   वन विभाग के रेंज अधिकारी कोमिली सूचना के आधार पर (एसआरओ) श्रीनिवासरेड्डी के अनुसार, ओडिशा सीमा होते हुए आंध्र प्रदेश की ओर आ रहे एक टाटा ऐस को चिंतूर छत्तीसगढ़ सीमाई तहसील और थाना मुख्यालय चिंतूर  जोन के लक्कावरम जंक्शन पर फॉरेस्ट चेक पोस्ट पर निरीक्षण किया गया और जिसमें यह 36 गोनाड बैग में 648 कछुए  जिन्दा पाए गए । सूचना के आधार पर तस्करों ने बताया यह कछुआ को छत्तीसगढ़ होते हुए अन्य राज्य को निर्यात करने की योजना थी वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि कुछ कछुओं को दलाल लोग अधिक कीमत में अंधविश्वास के चलते खरीद लेते हैं और कुछ लोग इसे खाने के लिए भी बेचते हैं परंतु कुछ भी हो वन्य प्राणियों की निर्यात या पकड़ना अपराध है जिसके तहत अपने मामला बनाते हुए कछुओं के साथ वाहन को जब्त कर लिया गया और उन्हें ले जाने वाले आरोपी को गिरफ्तार कर मामला दर्ज किया गया।  एसआरवीओ ने बताया कि कछुओं को सीलर नामक बांध आंध्र प्रदेश में बहुत बड़ा बांध है जिसमें अधिकारियों के निर्देशों से  रिजर्व सुरक्षित 1:00 से लगा हुआ है वहां छोड़ दिया गया ।

विदित हो इस तरह की घटनाएं सीमा में जहां छत्तीसगढ़ उड़ीसा और आंध्र प्रदेश के परिसर प्रांत में बहुतायत होते रहता है जिस पर ग्रामीण इलाकों में जागरूकता पैदा कर इस तरह की वन्य प्राणियों को मारने ले जाने पर योजनाबद्ध तरीके से प्रतिबंध लगाना चाहिए । एक वन अधिकारी ने बताया की जिलों का विभाजन होने से इस जंगली इलाके में पहले से ज्यादा सजगता से जांच पर किया जा सकता है जिसका परिणाम अच्छा निकलेगा और तस्करी को रोकने में भी कामयाब होंगे कहा